Supreme Court Collegium ने तीन नए जजों की नियुक्ति के लिए N.V. Anjaria, Vijay Bishnoi और A.S. Chandurkar के नाम की सिफारिश की है। Supreme Court को जल्द ही तीन नए न्यायमूर्ति मिल सकते हैं, क्योंकि Supreme Court Collegium ने हाल ही में तीन नामों की सिफारिश की है। Chief Justice of India (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ के नेतृत्व में यह सिफारिश की गई है, जो देश की न्याय व्यवस्था को और भी सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।

कौन-कौन हैं इन सिफारिश किए गए जजों में?
इस बार जिन जजों के नाम सुप्रीम कोर्ट के लिए आगे बढ़ाए गए हैं, वे हैं:
- Justice N.V. Anjaria – Chief Justice, Karnataka High Court
- Justice Vijay Bishnoi – Chief Justice, Gauhati High Court
- Justice A.S. Chandurkar – Judge, Bombay High Court
इन तीनों न्यायाधीशों की प्रोफेशनल जर्नी और अनुभव उन्हें सुप्रीम कोर्ट जैसी सर्वोच्च संस्था के लिए एक उपयुक्त विकल्प बनाते हैं।
Supreme Court में क्यों ज़रूरी है ये नियुक्तियाँ?
फिलहाल Supreme Court में कुल 34 जजों की स्वीकृत संख्या है, लेकिन हाल ही में Justice Sanjiv Khanna और Justice A.S. Oka की रिटायरमेंट के बाद यह संख्या घटकर 31 रह गई है। आने वाले दिनों में Justice Bela Trivedi की रिटायरमेंट के बाद यह संख्या और घटकर 30 हो जाएगी।
ऐसे में नए जजों की नियुक्ति बहुत जरूरी हो जाती है ताकि देश के सबसे बड़े न्यायिक मंच पर लंबित मामलों की संख्या को कम किया जा सके।
न्यायमूर्ति N.V. Anjaria
Justice Anjaria गुजरात हाई कोर्ट से हैं और फिलहाल कर्नाटक हाई कोर्ट के Chief Justice के रूप में सेवा दे रहे हैं। उन्होंने 25 फरवरी 2024 को यह पदभार संभाला था। उनकी कार्यशैली और न्यायिक समझ को लेकर उन्हें सुप्रीम कोर्ट में लाने की सिफारिश की गई है।
न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई
Justice Bishnoi राजस्थान हाई कोर्ट से हैं और वर्तमान में गुवाहाटी हाई कोर्ट के Chief Justice हैं। उन्होंने 5 फरवरी 2024 को यह पदभार संभाला था। उनकी ईमानदार छवि और निष्पक्ष फैसलों के लिए वे जाने जाते हैं।
न्यायमूर्ति ए.एस. चंदुरकर
Justice Chandurkar ने अपना करियर बॉम्बे हाई कोर्ट से शुरू किया था और वे 21 जून 2013 से वहां जज के तौर पर कार्यरत हैं। उनका अनुभव और गहराई से कानूनी समझ उन्हें सुप्रीम कोर्ट के लिए उपयुक्त बनाता है।
न्यायपालिका में बदलाव की बयार
यह पहली बार है जब Chief Justice Gavai के नेतृत्व में collegium ने सिफारिश की है। खास बात ये भी है कि सभी पाँच सीनियर जज इस समय अलग-अलग benches की अध्यक्षता कर रहे हैं और कोर्ट में गर्मियों की छुट्टियों के दौरान भी काम कर रहे हैं। Chief Justice Gavai ने यहां तक कहा है कि वो “vacation” शब्द का इस्तेमाल करना भी पसंद नहीं करते क्योंकि न्यायिक देरी को कम करना आज की सबसे बड़ी ज़रूरत है।
भविष्य की झलक
जिन जजों के नाम अभी सुप्रीम कोर्ट में भेजे गए हैं, उनमें से कुछ भविष्य में Chief Justice of India भी बन सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, Justice B.V. Nagarathna को 2027 में पहली महिला CJI बनने की संभावना है।
देश की न्यायपालिका में यह नया बदलाव स्वागत योग्य है। ऐसे अनुभवी और कर्मठ जजों का सर्वोच्च न्यायालय में आना न सिर्फ न्यायिक प्रक्रिया को मजबूत करेगा, बल्कि जनता का भरोसा भी बढ़ाएगा। उम्मीद है कि जल्द ही इन नामों को मंजूरी मिल जाएगी और देश को मिलेंगे तीन नए जज जो निष्पक्ष और समयबद्ध न्याय सुनिश्चित करेंगे।
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