जब भी डॉक्टर को लगे कि आपके liver (यकृत) में कोई परेशानी हो सकती है, तो वो सबसे पहले जो टेस्ट recommend करते हैं, वो होते हैं SGPT और SGOT टेस्ट। ये नाम सुनकर थोड़ा technical लग सकता है, लेकिन इनका काम सीधा है — ये आपके लीवर की हालत के बारे में बताते हैं।
तो चलिए, आसान भाषा में समझते हैं कि SGPT और SGOT क्या होते हैं, ये टेस्ट क्यों जरूरी हैं, और आपको कब करवाने चाहिए।
SGPT और SGOT क्या हैं?
SGPT (Serum Glutamate Pyruvate Transaminase) और SGOT (Serum Glutamic Oxaloacetic Transaminase) दो enzymes होते हैं जो हमारे liver और कुछ हद तक हमारे दिल, किडनी और muscles में पाए जाते हैं।
जब हमारा liver पूरी तरह healthy होता है, तो ये enzymes सिर्फ छोटी मात्रा में ही blood में मौजूद होते हैं। लेकिन जब liver cells damage होते हैं — किसी infection, alcohol, दवाइयों या किसी बीमारी की वजह से — तब ये enzymes blood में ज़्यादा मात्रा में पहुंचने लगते हैं।
इसलिए इनकी मात्रा अगर normal से ज़्यादा हो, तो ये liver damage या inflammation का signal हो सकता है।

SGPT और SGOT टेस्ट क्यों करवाना चाहिए?
- Liver की बीमारी जैसे hepatitis, fatty liver, या cirrhosis का early detection
- Alcohol या दवा से हुए liver damage का पता लगाने के लिए
- Liver function monitoring अगर आप कोई ऐसी दवा ले रहे हैं जो liver पर असर डालती है
- Jaundice, कमजोरी, भूख न लगना, उल्टी जैसे symptoms की जांच के लिए
टेस्ट कैसे होता है?
SGPT और SGOT टेस्ट के लिए सिर्फ एक blood sample लिया जाता है। आपको ज्यादा कुछ करने की ज़रूरत नहीं होती — आमतौर पर fasting (खाली पेट) की भी ज़रूरत नहीं होती, लेकिन कुछ डॉक्टर fasting recommend कर सकते हैं।

Normal Range क्या होती है?
हर lab की अपनी थोड़ी-बहुत range हो सकती है, लेकिन आमतौर पर:
- SGPT (ALT): 7 से 56 units per liter of blood
- SGOT (AST): 10 से 40 units per liter of blood
अगर आपकी values इससे ज़्यादा हैं, तो डॉक्टर इसकी वजह तलाश करेंगे और जरूरत पड़ने पर आगे की जांच करेंगे।
High SGPT/SGOT का मतलब क्या है?
अगर SGPT या SGOT levels बढ़े हुए हैं, तो ये निम्न कारणों से हो सकते हैं:
- Hepatitis A, B, C जैसी viral infections
- Fatty liver disease (ज़्यादा alcohol पीने से या obesity की वजह से)
- Liver cirrhosis
- कुछ दवाइयों या supplements का side effect
- Heart attack या muscle injury (SGOT खासकर muscles में भी पाया जाता है)
सिर्फ एक बार level बढ़ना हमेशा गंभीर नहीं होता, लेकिन repeated high levels को ignore नहीं करना चाहिए।
SGPT और SGOT बढ़ने पर क्या करें?
- डॉक्टर से consult करें और आगे की जांच जैसे Ultrasound या liver biopsy की जरूरत हो सकती है।
- Alcohol से परहेज़ करें, अगर आप लेते हैं।
- Healthy diet लें — ज्यादा oily या processed food से बचें।
- Exercise को daily routine में शामिल करें।
- Doctor की दी गई दवाइयाँ समय पर लें और follow-up करना ना भूलें।
Final Thoughts
SGPT और SGOT आपके liver health के लिए warning signal की तरह काम करते हैं। ये टेस्ट simple होते हैं लेकिन इनकी जानकारी बेहद important होती है। अगर समय रहते liver problems पकड़ी जाएं, तो उनका इलाज भी आसान होता है।
अगर आपको थकान, उल्टी, भूख न लगना या त्वचा पर पीलापन जैसे लक्षण हैं, तो बिना देर किए इन टेस्ट्स को करवाएं। और याद रखिए — सेहत से बड़ा कोई धन नहीं।
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