रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग अब एक बार फिर सुर्खियों में है — इस बार वजह बना है यूक्रेन की तरफ़ से रूस की धरती पर किया गया बड़ा ड्रोन हमला, जिससे न सिर्फ रूसी सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे हैं, बल्कि एक बार फिर से इस युद्ध के और भड़कने की आशंका बढ़ गई है।
आज का हमला: क्या हुआ?

आज सुबह रूस के कई क्षेत्रों में धमाकों की आवाज़ गूंजी। रूसी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूक्रेन ने दर्जनों ड्रोन रूस के अंदर गहराई तक भेजे। इनमें से कई मॉस्को के पास के इलाकों तक पहुंच गए, और कुछ ने तेल भंडारण स्थलों और सैन्य अड्डों को निशाना बनाया।
हालांकि रूस की एयर डिफेंस ने कई ड्रोन मार गिराए, लेकिन कुछ ड्रोन अपने निशाने तक पहुंचने में कामयाब रहे। प्रारंभिक रिपोर्ट्स में कुछ इमारतों को नुकसान और कुछ लोगों के घायल होने की जानकारी मिली है। यूक्रेन की तरफ़ से इस हमले की सीधे तौर पर पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन ये यूक्रेनी रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है जिसमें वह रूस के अंदर भी जवाबी हमलों की नीति अपना रहा है।
युद्ध की जड़ें: कैसे शुरू हुआ रूस-यूक्रेन विवाद?
इस हमले को समझने के लिए ज़रूरी है कि हम इस पूरे युद्ध की पृष्ठभूमि को संक्षेप में समझें।
- 2014: रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। इस घटना ने रूस और पश्चिमी देशों के रिश्तों को बिगाड़ दिया और यूक्रेन में अस्थिरता फैला दी।
- 2014-2021: डोनबास क्षेत्र में रूस समर्थक अलगाववादियों और यूक्रेनी सेना के बीच लगातार झड़पें होती रहीं। दुनिया इस संघर्ष को अनदेखा करती रही, लेकिन तनाव गहराता गया।
- फरवरी 2022: रूस ने अचानक यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण कर दिया। यह 21वीं सदी के सबसे बड़े युद्धों में से एक बन गया। पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को सैन्य सहायता देना शुरू किया, जबकि रूस ने इसे “नाज़ीवाद के खात्मे का मिशन” बताया।
ड्रोन युद्ध: युद्ध का नया चेहरा

पिछले दो सालों में ये युद्ध सिर्फ टैंकों और तोपों तक सीमित नहीं रहा। ड्रोन टेक्नोलॉजी ने इस जंग की शक्ल बदल दी है। यूक्रेन ने पश्चिमी देशों से मिले संसाधनों से अपने ड्रोन हमलों की क्षमता काफी बढ़ाई है।
आज का हमला इसी रणनीति का हिस्सा है — रूस के गढ़ में जाकर उसे यह जताना कि युद्ध सिर्फ उसकी सरहदों तक सीमित नहीं रहेगा।
रूस की प्रतिक्रिया क्या होगी?
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि “यह हमला यूक्रेन की ओर से जानबूझकर किया गया उकसावा है, और इसका करारा जवाब दिया जाएगा।” रूस की सेना पहले ही यूक्रेन के ऊर्जा ढांचे और शहरों पर मिसाइल हमले कर चुकी है। अब यह देखना बाकी है कि रूस किस स्तर तक जाकर पलटवार करता है।
आगे क्या?
इस युद्ध ने अब सिर्फ दो देशों की लड़ाई की सीमा पार कर ली है। इसमें नाटो, अमेरिका, यूरोपियन यूनियन और चीन जैसे बड़े खिलाड़ी भी किसी न किसी रूप में जुड़े हुए हैं।

अगर ये ड्रोन हमले और बढ़ते हैं, तो रूस की प्रतिक्रिया और उग्र हो सकती है, जिससे पूरे यूरोपीय क्षेत्र की स्थिरता खतरे में पड़ सकती है।
निष्कर्ष: क्या कभी रुकेगा ये युद्ध?
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध अब एक थकाऊ लेकिन ख़तरनाक मोड़ पर है। दोनों ही देश पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। आज का हमला इस बात की निशानी है कि यूक्रेन, रूसी सीमा के अंदर भी मार करने की हिम्मत रखता है — और रूस कभी भी इस अपमान को चुपचाप सहन नहीं करेगा।
एक आम इंसान के लिए, चाहे वो यूक्रेनी हो या रूसी — ये युद्ध सिर्फ तबाही, असुरक्षा और अनिश्चित भविष्य लेकर आया है। उम्मीद यही की जा सकती है कि जल्द ही कोई राजनीतिक समाधान निकले, क्योंकि युद्ध में जीत किसी की नहीं होती — हार हमेशा इंसानियत की ही होती है।
Related Post:
Russia का अब तक का सबसे बड़ा हमला: 298 Drones, 69 Missiles – Ukraine में तबाही का तूफान
Share this:
- Click to share on Facebook (Opens in new window) Facebook
- Click to share on X (Opens in new window) X
- Click to email a link to a friend (Opens in new window) Email
- Click to share on Telegram (Opens in new window) Telegram
- Click to share on Threads (Opens in new window) Threads
- Click to share on WhatsApp (Opens in new window) WhatsApp