Rafale Deal पर फिरा पानी? अब Russia से Su-57 खरीदने की तैयारी!

Rafale deal पर संकट! France ने source code देने से किया इनकार। अब India, Russia से Su-57 खरीदने और Make in India के तहत production शुरू करने पर कर रहा है विचार। जानें पूरी कहानी।

भारत की डिफेंस डील्स एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार मुद्दा है Rafale Marine फाइटर जेट्स का सौदा, जो अब खतरे में नजर आ रहा है। वजह? France का ‘साफ़ इनकार’ – वो Rafale का source code भारत को देने को तैयार नहीं है। और यही बना भारत के लिए एक बड़ा रोड़ा।

क्या है Source Code और ये इतना जरूरी क्यों?

SU-57 Rafale

किसी भी फाइटर जेट, मिसाइल या रडार जैसी हाई-टेक हथियार प्रणाली का source code उसका “दिल और दिमाग़” होता है। ये वो प्रोग्रामिंग होता है जिससे पूरा सिस्टम ऑपरेट करता है। अगर भारत को source code मिल जाता है, तो वो अपने देशी हथियार जैसे BrahMos missile, indigenous radars और electronic warfare systems को आसानी से फाइटर जेट में integrate कर सकता है।

लेकिन France का रुख साफ है – वो Rafale का source code भारत को नहीं देगा।

Rafale से मोहभंग क्यों?

भारत ने 2016 में France के साथ 36 Rafale jets की डील की थी। उन विमानों में भारतीय जरूरतों के मुताबिक कुछ custom features शामिल किए गए थे, लेकिन तब भी source code नहीं दिया गया। अब जब भारत ने 26 Rafale Marine jets के लिए नया सौदा किया, तो एक बार फिर वही पुरानी समस्या सामने आ गई।

भारत चाहता है कि अपने फाइटर जेट्स में Make in India के तहत स्वदेशी सिस्टम्स और हथियार लगाए जाएं। लेकिन बिना source code के, हर बार Dassault Aviation से अनुमती लेनी पड़ेगी – यानी स्वतंत्रता नहीं

Russia आ रहा है भारत की मदद को

अब France की हिचकिचाहट के बाद Russia ने भारत की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। Russia का कहना है कि वो न सिर्फ Su-57 Fifth Generation Fighter Jet की तकनीक शेयर करेगा, बल्कि भारत में ही उनका प्रोडक्शन शुरू करने को भी तैयार है।

Russian कंपनी ने ये भी कहा कि अगर भारत राज़ी हो जाए, तो Su-30MKI production line से ही Su-57 का निर्माण इसी साल शुरू किया जा सकता है। अब ये एक बहुत बड़ा मौका है – भारत के लिए और आत्मनिर्भर भारत के मिशन के लिए भी।

कावेरी इंजन और रूस की मदद

ये पहली बार नहीं है जब France ने भारत को टेक्नोलॉजी ट्रांसफर देने से मना किया हो। इससे पहले जब भारत ने indigenous Kaveri jet engine बनाने की कोशिश की थी, तो France ने उसमें भी सहयोग नहीं किया।

तब भी रूस ही था जिसने हाथ बढ़ाया। आज Kaveri इंजन का टेस्ट Russia के Il-76 aircraft में किया जा रहा है। ये दिखाता है कि Russia सिर्फ दोस्ती की बातें नहीं करता – वो साथ निभाता भी है।

क्या रद्द हो जाएगी Rafale Marine डील?

Open Magazine की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत Rafale Marine डील पर पुनर्विचार कर रहा है। और अगर हालात ऐसे ही बने रहे, तो ये डील रद्द भी हो सकती है।

वहीं दूसरी ओर, भारत और Russia के बीच S-400 air defence system की डील पहले से ही चल रही है और अब Russia ने भारत को S-500 सिस्टम का भी ऑफर दिया है। यानि साफ है – Russia टेक्नोलॉजी देने को तैयार है, जबकि France सिर्फ व्यापार कर रहा है।

भारत के लिए क्या बेहतर है?

भारत को अब ऐसे पार्टनर की जरूरत है जो न सिर्फ लड़ाकू विमान बेचे, बल्कि उसमें बदलाव और कस्टमाइजेशन की पूरी छूट दे। Su-57 जैसे advanced fighter jet का भारत में निर्माण और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर – ये एक गेम चेंजर हो सकता है।

राफेल का आकर्षण अब फीका पड़ रहा है, और शायद अब वक्त है कि भारत अपने पुराने दोस्त Russia की ओर कदम बढ़ाए।